Sunday, September 21, 2014

कुछ लब्झे


प्यार हमसे अापने किया है
तौफा हमको हमीका दिया है

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तौबा उन लब्झोंकी
जिन्होने तुम्हे बनाया है



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बस एक बार मुस्कुरा दो
अासमान के पीछे से
फिर हम चॉंदकोभी
याद न करेंगे कभी

देती सूर्याला अोल


पापण्यांच्या अोल्या कडा
करती सूं सूं नाद
सूर्यालाही त्या देती
भावनेची अोल गं

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Chaos (calamity ?) Of Govt’s Making and What Now? ————————————————————————— Whether PM delayed the lockdown for politics in MP or not ...