Tuesday, April 22, 2014

वोट

      वोट

सेक्यूलेरिझम, गरिबी हटाअो
एक नही हजार झूटे वादे,
काँग्रेस के झूटे वादे
जानकर पहचानकर,
पूर तीस साल मैं सिर्फ
बीजेपी को वोट देते अाया हूँ

जानता था दोनोमें
ज्यादा फर्क नाही है,
चिडचिडाता था
गाली भी देत था खूब,
वोट के पेहले भी 
अौर बाद भी,
लेकिन फिर भी
वोट बीजेपीकोही देता था

अब क्या हुअा 
के बात बदल गयी,
अाप नाम की छोटीसी
चिंगारी चमक गयी,
हलकेसे उसने मुझे 
पाश की याद दिलायी,
“सबसे खतरनाक होता है
अपने सपनों का मर जाना”,
देश के सपने जगाकर
Imagine की याद दिलायी,
“You may say I’m a dreamer
But I’m not the only one
I hope someday you will join us

and the world will live as one”

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